Dadasaheb Bhagat Success Story : मिलिए दादासाहेब भगत से जो कभी इनफ़ोसिस में ऑफिस बॉय का काम करते थे पर अपनी म्हणत से आज उन्होंने करोडो की कंपनी बना डाली है और वह आज दो कंपनियों के CEO है। प्रधानमंत्री मोदी खुद दादासाहेब भगत की तारीफ़ कर चुके है। तो जानते है इस आर्टिकल में उनका सफर ऑफिस बॉय से लेकर एक सक्सेसफुल स्टार्टअप के CEO बनने तक का।
Dadasaheb Bhagat Success Story : Infosys में किया ऑफिस बॉय का काम
दादासाहेब भगत महाराष्ट्र के बिड जिले से आते है और वही से उन्होंने ITI में उन्होंने डिप्लोमा किया था। ITI में डिप्लोमा करने के बाद नौकरी की तलाश में वो अपना गांव छोड़ कर पुणे चले गए। जहा उन्हें इनफ़ोसिस के गेस्ट हाउस में उन्हें एक सर्विस बॉय की नौकरी मिल गयी। यहाँ उनका काम गेस्ट को रूम सर्विस, चाय और पानी देना था।
इनफ़ोसिस में काम करने के दौरान टेक्नोलॉजी में उनकी रूचि बढ़ने लगी। पर उन्हें ये भी पता था बिना कॉलेज डिग्री के सिर्फ ITI के डिप्लोमा के साथ उन्हें कोई अछि नौकरी नहीं मिल सकती है। इसलिए उन्होंने डिज़ाइन और एनीमेशन की क्लासेज करनी शुरू करदी। भगत दिन में इनफ़ोसिस के गेस्ट हाउस में काम करते थे फिर रात में डिज़ाइन और एनीमेशन की क्लासेज करते थे। डिज़ाइन और एनीमेशन की क्लासेज करने की वजह से और उनकी मेहनत से उन्हें हैदराबाद के डिज़ाइन कंपनी में नौकरी मिल गयी।
Dadasaheb Bhagat Success Story : शुरू किया खुद का स्टार्टअप
हैदराबाद के इस डिज़ाइन कंपनी में काम करते दौरान भगत को एहसास हुआ की अलग अलग तरह की नयी नयी डिज़ाइन बनाना मुश्किल और इसमें समय लगता है इसलिए उन्होंने सोचा की क्यों न एक ऑनलाइन लाइब्रेरी बनाई जाये रूसबले डिज़ाइन और टेम्पलेट्स की। पर इसी बिच भगत का एक कार एक्सीडेंट हो जाता है और उन्हें बेड रेस्ट लेने की सलाह दी जाती है। जिसके बाद उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी और बेड रेस्ट के दौरान उन्होंने अपना सारा समय अपनी डिज़ाइन और टेम्पलेट्स की ऑनलाइन लाइब्रेरी को बनाने में दिया।
इसी तरह 2015 में उनकी पहली कंपनी NinthMotion की शुरुवात हुई और देखते ही देखते उन्होंने दुनियाभर में 6000 से ग्राहकों को अपनी सर्विस दी जिसमे BBC Studio और 9XM Music जैसे मशहूर ब्रांड्स शामिल है
Dadasaheb Bhagat Success Story : शुरू किया अपना दूसरा स्टार्टअप
अपने पहले सक्सेसफुल स्टार्टअप के बाद भगत ने ऑनलाइन डिज़ाइन की सर्विसेज के लिए canva की तरह एक वेबसाइट बनाने का फैसला किया। जहा लोग ड्रैग-एंड-ड्राप करके खुद की डिज़ाइन बना सकते है और इसी तरह शुरुवात हुई DooGraphics की।
पर जब भगत अपने दूसरे स्टार्टअप पर काम कर रहे थे उसी दौरान 2020 में कोरोना की वजह से पुरे देश में लॉकडाउन लग गया और भगत को अपने गांव वापस जाना पड़ा। गांव में इंटरनेट की सुविधा न होने के कारण भगत को पशुओ के तबेले में जा कर काम करना पड़ता था 4G इंटरनेट के नेटवर्क के लिए।
गांव में रहते हुए भगत ने अपने कुछ दोस्तों को डिज़ाइन में ट्रेनिंग देनी शुरू करदी और फिर इन्ही दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने गांव के दूसरे बच्चो को भी अपने स्टार्टअप के माध्यम से डिज़ाइन सीखना शुरू कर दिया और ऐसे ही करते करते सिर्फ 6 महीनो में उनके स्टार्टअप में 10,000 से ज़्यादा सक्रिय यूजर्स बन गए। जिनमें से ज्यादातर महाराष्ट्र, दिल्ली और बैंगलोर से थे, साथ ही कुछ यूजर्स जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूके से थे।
Dadasaheb Bhagat Success Story : पीएम मोदी ने की तारीफ़
साल 2020 में “मन की बात ” में पीएम मोदी दादासाहेब भगत की तारीफ़ की थी और भगत का सपना है की दुनियाभर में भारतीय डिज़ाइन इस्तेमाल की जाये जिससे “आत्मनिर्भर भारत” के सपने को पूरा किया जा सके।
Unfettered by Covid-19 lockdown, 29-year-old Dadasaheb Bhagat starts a Start Up in a cattle-shed from his hometown Beed in Maharashtra. The software called Doographics, allows the user to produce creatives and designs with an easy drag and drop interface.#PositiveMornings pic.twitter.com/YiZurUoIyT
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) September 26, 2020
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